प्रेगनेंसी में बुखार क्यों आता है: कारण, लक्षण और उपचार
गर्भावस्था का समय बदलाव का समय होता है। इस दौरान एक स्त्री के भीतर कई शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक परिवर्तन होते हैं। मान लीजिए, एक गर्भवती महिला दिनभर की थकान के बाद आराम कर रही है। अचानक शरीर भारी लगने लगता है, माथा गर्म महसूस होता है और हल्की कंपकंपी होने लगती है। थर्मामीटर से तापमान जांचा जाता है — बुखार है। मन में चिंता उठती है — क्या यह प्रेगनेंसी में सामान्य है? क्या बच्चे को कोई नुकसान तो नहीं होगा? क्या तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए? ऐसे में हल्का बुखार भी कई बार चिंता का विषय बन जाता है। कई महिलाएं यह सोचती हैं कि प्रेगनेंसी में बुखार आता है क्या, और अगर आता है, तो यह मां और बच्चे दोनों के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि प्रेगनेंसी में बुखार क्यों आता है, इसके लक्षण क्या होते हैं, प्रेगनेंसी में बुखार आने पर क्या करे और किन घरेलू उपायों से राहत मिल सकती है।
प्रेगनेंसी में बुखार के सामान्य कारण
प्रेगनेंसी में बुखार आता है क्या? जब आप प्रेगनेंट होती हैं, तो आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है ताकि आपके बच्चे को नुकसान न पहुँचे। इसी कारण संक्रमण की समस्या बढ़ जाती है। आइए जानते हैं बुखार के कुछ कारण:
1. वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण — अगर आपको बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन, जैसे सर्दी-खांसी, फ्लू या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) है, तो बुखार आ सकता है।
2. गर्भावस्था से संबंधित संक्रमण — जैसे टॉक्सोप्लाज़्मोसिस, साइटोमेगालोवायरस (CMV) आदि।
3. मौसम में होने वाले बदलाव — अगर आप सोच रही हैं कि प्रेगनेंसी में बुखार आता है क्या, तो हां, कई बार मौसम में बदलाव के कारण भी तेज़ बुखार की समस्या हो सकती है।
प्रेगनेंसी में बुखार क्यों आता है? — ऊपर बताए गए कारणों की वजह से आपको बुखार हो सकता है, इसलिए बेहतर है कि आप प्रेगनेंसी में बुखार का घरेलू उपचार न करें और समय रहते डॉक्टर से संपर्क करें।
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क्या बुखार प्रेगनेंसी के लिए खतरनाक हो सकता है?
जैसा कि अब आप जान गए हैं कि प्रेगनेंसी में बुखार क्यों आता है, तो अब इससे जुड़े खतरों को भी जान लेना ज़रूरी है। कई बार लोग सोचते हैं कि प्रेगनेंसी का बुखार कहीं रिस्की तो नहीं, और क्या बुखार प्रेगनेंसी के लिए ख़तरनाक हो सकता है?
अगर आपका बुखार हल्का (लगभग 99°F तक) है, तो घबराने की कोई बात नहीं। लेकिन अगर शरीर का तापमान लगातार 100.4°F या उससे अधिक बना रहता है, तो यह मां और बच्चे दोनों के लिए नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
खासकर गर्भावस्था की पहली तिमाही में अधिक बुखार से भ्रूण में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट जैसी समस्या का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए pregnancy me fever ho to kya kare — यह जानना और सही समय पर डॉक्टर से संपर्क करना बेहद ज़रूरी है।
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प्रेगनेंसी में बुखार के लक्षण और पहचान
प्रेगनेंसी में बुखार आने पर क्या करे, यह जानने से पहले ज़रूरी है कि आप इसके लक्षण पहचानें। तो आइए जानते हैं, इसके लक्षण क्या होते हैं:
1. शरीर में दर्द और थकान
2. कंपकंपी और ठंड लगना
3. सिरदर्द
4. आंखों में जलन
5. तेज़ सांस चलना या हृदय गति बढ़ना
6. पसीना आना
चूंकि अब हमें इसके लक्षणों की जानकारी हो गई है, तो आइए आगे जानते हैं कि pregnancy me fever ho to kya kare, ताकि आप सही समय पर इस समस्या का समाधान कर सकें।
प्रेगनेंसी में बुखार का इलाज: क्या करें और क्या न करें
Pregnancy me bukhar ho to kya kare — सबसे पहले अपने शरीर का तापमान जांचें। यदि बुखार 100°F से ऊपर हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इस दौरान खूब पानी पिएं, आराम करें और हल्के घरेलू उपाय अपनाएं जैसे गुनगुने पानी से स्पंज करना या तुलसी-अदरक की चाय लेना। अब सवाल आता है कि जब बुखार अचानक तेज हो जाए या लंबे समय तक बना रहे, तो प्रेगनेंसी में बुखार आने पर क्या करे? ऐसे में बिना डॉक्टर की सलाह कोई दवा न लें और अधिक गर्माहट से बचें। सही इलाज के लिए सावधानी बरतना बहुत जरूरी है क्योंकि आपकी लापरवाही से आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए खतरा हो सकता है।
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बुखार से बचने के लिए प्रेगनेंसी में क्या सावधानियाँ बरतें
प्रेगनेंसी के दौरान बुखार से बचने के लिए कुछ जरूरी सावधानियाँ अपनाना बेहद ज़रूरी है:
1. भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, खासकर फ्लू सीजन में।
2. न्यूट्रिशन से भरपूर डाइट लें और अपनी इम्यूनिटी मजबूत बनाए रखें।
3. समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप करवाते रहें।
प्रेगनेंसी में बुखार क्यों आता है, यह जानना भी इसलिए ज़रूरी है ताकि आप समय रहते सही इलाज करवा सकें और किसी भी तरह की परेशानी से बच सकें।
निष्कर्ष
प्रेगनेंसी में बुखार क्यों आता है, यह जानना ज़रूरी है ताकि समय रहते उपचार किया जा सके। चाहे बात pregnancy me bukhar ho to kya kare की हो या प्रेगनेंसी में बुखार का घरेलू उपचार की, सही जानकारी और सावधानी ही सुरक्षित गर्भावस्था की कुंजी है। यदि आप समय पर लक्षण पहचान लें और उचित कदम उठाएं, तो आप और आपका बच्चा दोनों सुरक्षित रह सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान खुद का ख्याल रखना जितना अहम है, उतना ही ज़रूरी है आने वाले बच्चे की ज़रूरतों के लिए पहले से तैयार रहना। टेडी ईज़ी डायपर पैंट्स का चुनाव करके आप इस चिंता को काफी हद तक कम कर सकती हैं। ये डायपर्स सॉफ्ट, स्किन-फ्रेंडली और लीक-प्रोटेक्शन से भरपूर हैं, ताकि आपके नवजात को दिन-रात मिले आराम और आपको मिले सुकून।
साथ ही, प्रेगनेंसी के दौरान बार-बार पेशाब आना, ब्लैडर कंट्रोल में कमी या हल्का लीकेज होना एक आम समस्या है। ऐसे में आप बेझिझक और आरामदायक महसूस कर सकें, इसके लिए फ्रेंड्स अल्ट्राथिन स्लिम फिट ड्राई पैंट्स फॉर वीमेन एक भरोसेमंद विकल्प है। ये अल्ट्रा-पतले, सुपर एब्जॉर्बेंट और सांस लेने योग्य डायपर्स खासतौर पर महिलाओं के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो पूरे दिन सूखेपन और आत्मविश्वास का अनुभव कराते हैं।


सबसे पहले अपने शरीर का तापमान जांचें। यदि बुखार हल्का है, तो डॉक्टर से संपर्क करें और उनके निर्देश का पालन करें। घर पर तुलसी की चाय, गुनगुने पानी से स्पंज करना या आराम करना प्रेगनेंसी में बुखार का घरेलू उपचार हो सकता है।
हल्का बुखार कभी-कभी सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर बुखार लंबे समय तक बना रहे या तेज हो, तो यह खतरनाक हो सकता है और तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
यदि शरीर का तापमान 100.4°F या उससे अधिक हो जाए और लंबे समय तक बना रहे, तो यह मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत चिकित्सा सलाह लें।
गर्भावस्था में शरीर संवेदनशील होता है, और ठंड लगना अकसर वायरल संक्रमण का संकेत हो सकता है। यह प्रेगनेंसी में बुखार क्यों आता है का एक कारण हो सकता है।

