प्रेगनेंसी में पेट में जलन क्यों होती है- कारण और घरेलू उपाय
एसिडिटी और मतली मातृत्व के आनंद को कम कर सकती है। हालाँकि, यह शरीर में दर्द और सीने में जलन जैसी कई शारीरिक समस्याओं के साथ आता है। आपने लोगों को यह कहते सुना होगा, “अगर आपको गर्भावस्था के दौरान सीने में जलन होती है, तो इसका मतलब है कि आपका बच्चा बहुत सारे बालों के साथ पैदा होगा!” इस विशेष पुरानी कहानी में कुछ सच्चाई हो न हो , तथ्य यह है कि एसिडिटी और अपच किसी भी गर्भवती महिला को हो सकती है (भले ही उनका बच्चा सिर पर एक भी बाल के बिना पैदा हुआ हो)। यहां इस लेख में हम बात करेंगे कि प्रेगनेंसी में सीने में जलन क्यों होती है और प्रेगनेंसी में एसिडिटी का घरेलू उपाय कैसे कर सकते हैं। हम आपको यह भी बताएंगे कि प्रेगनेंसी में सीने में जलन हो तो क्या करें।
प्रेगनेंसी में एसिडिटी क्यों होती है?
हार्टबर्न, या सीने में जलन का अर्थ है गले और छाती में जलन या असहजता महसूस होना। ऐसा तब होता है जब पेट में भोजन और एसिड वापस ग्रासनली (Oesophagus) में चला जाता है। इसे गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स (जीईआर), या एसिड रिफ्लक्स भी कहते हैं।
प्रेगनेंसी में एसिडिटी क्यों होती है? गर्भावस्था के दौरान, एक मांसपेशी जो अन्नप्रणाली (oesophagus) में एसिड को रोकती है, कमजोर होती है। यह अधिकतर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के ऊंचे स्तर के कारण होता है। डिलीवरी के बाद यह समस्या दूर हो जाती है।
प्रेगनेंसी में सीने और पेट में जलन क्यों होती है?
सीने में जलन या प्रेगनेंसी में पेट में जलन क्यों होती है, यहाँ जानें:
- गर्भावस्था के दौरान आपके हार्मोन का स्तर बदलता है।जिसे आपका पाचन तंत्र धीमा काम करने लगता है। भोजन धीमी गति से चलता है, जिससे सीने में जलन होती है।
- प्रोजेस्टेरोन, जिसे गर्भावस्था हार्मोन के रूप में जाना जाता है, निचले एसोफेजियल स्फिंक्टर को शिथिल कर देता है। जिसके कारण पेट का एसिड ग्रासनली में आ जाता है।
- जैसे-जैसे आपका बच्चा बढ़ता है, आपका गर्भाशय भी बड़ा होता जाता है जिससे पेट के एसिड आपके अन्नप्रणाली में आ जाते हैं। इसीलिए गर्भावस्था के आखिरी कुछ महीनों के दौरान सीने में जलन आम है।
अब आपको यह स्पष्ट हो गया होगा कि प्रेगनेंसी के दौरान पेट में जलन क्यों होती है।
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प्रेगनेंसी में सीने में जलन हो तो क्या करें?
अब तक हमने आपको बताया कि प्रेगनेंसी में पेट में जलन क्यों होती है। यह बहुत ज्यादा लग सकता है लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। आइये जानते हैं की प्रेगनेंसी में एसिडिटी हो तो क्या करें:
- बार-बार छोटे-छोटे भोजन करें और भोजन करते समय पानी ना पिये।
- धीरे-धीरे खाएं और हर कौर को अच्छी तरह चबाएं।
- सोने से कुछ घंटे पहले खाने से बचें।
- ऐसे खाद्य और पेय पदार्थो से बचें जो एसिडिटी का कारण बन सकते हैं। इसमें चॉकलेट, वसायुक्त- मसालेदार भोजन, अम्लीय खाद्य पदार्थ, कार्बोनेटेड पेय पदार्थ और कैफीन शामिल हो सकते हैं।
- खाने के बाद एक घंटे तक इत्मीनान से टहलें।
- ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें।
- सोते समय अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर उठाने के लिए तकिये या वेजेज का प्रयोग करें।
- बायीं ओर करवट लेकर सोयें। दाहिनी ओर लेटने से आपका पेट आपके अन्नप्रणाली से ऊपर हो जाएगा, जिससे सीने में जलन हो सकती है।
- एसिडिटी शुरू होते ही दही खाएं या एक गिलास दूध पिएं।
प्रेगनेंसी में पेट में जलन के घरेलू उपाय
प्रेगनेंसी में एसिडिटी होना आम बात है। अभी तक हमने आपको बताया है कि प्रेगनेंसी में पेट में जलन क्यों होती है और आपको इससे डरने की जरूरत क्यों नहीं है। आइए अब हम आपको प्रेगनेंसी में पेट में जलन के घरेलू उपाय बताते हैं जिससे आप एसिडिटी से और भी आसानी से निपट सकते हैं:
- दिन भर में थोड़ा-थोड़ा पानी पिएं: बहुत जल्दी-जल्दी बहुत अधिक पानी पीने से वास्तव में आपके एसिडिटी के लक्षण बिगड़ सकते हैं।
- पुदीना: एक गिलास पेपरमिंट चाय पीने या शुगर-फ्री पेपरमिंट कैंडी चूसने से सीने की जलन से राहत मिल सकती है।
- अदरक: अदरक को गोली के रूप में या चबाकर कुछ महिलाओं को राहत मिलती है। हालाँकि, अदरक का उपयोग सीमित मात्रा में करें।
- सेब का सिरका: एक गिलास पानी में एक चम्मच एप्पल साइडर सिरका मिला कर पीने से पेट में एसिड के स्तर संतुलित होता है।
एसिडिटी जैसी समस्याओं को अपने मातृत्व के आनंद को कम न करने दें। Teddyy प्रीमियम डायपर पैंट के साथ अपने नन्हे-मुन्ने को कंफर्टेबल रखने का प्लान करते रहें। और यदि आप अपनी एसिडिटी को नियंत्रित करने में असमर्थ हैं तो जल्द अपने डॉक्टर से परामर्श लें। याद रखें, घरेलू उपचार आज़माने से पहले हमेशा डॉक्टर से मिलें क्योंकि आप गर्भवती हैं।
बार-बार छोटे-छोटे भोजन करें, धीरे-धीरे खाएं, भोजन करते समय पानी पीने से बचें और ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जो एसिडिटी का कारण बन सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान आपके हार्मोन का स्तर बदलता है। हार्मोन अक्सर आपके पाचन तंत्र को धीमा कर देते हैं। भोजन धीमी गति से चलता है, जिससे सीने में जलन होती है।
जैसे-जैसे आपका बच्चा बढ़ता है, आपका गर्भाशय भी बड़ा होता जाता है जिससे पेट के एसिड आपके अन्नप्रणाली में आ जाता है। इसीलिए गर्भावस्था के आखिरी कुछ महीनों के दौरान सीने में जलन अधिक आम है।
एसिडिटी शुरू होते ही दही खाएं या एक गिलास दूध पिएं।