प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या क्या होता है? जानिए पूरी जानकारी
प्रेगनेंसी का पहला महीना उत्साह और अनिश्चितता दोनों का मिश्रण होता है। यह वो समय होता है जब आप भविष्य के बारे में सपने देखने और अपने नन्हे-मुन्ने के आने की योजना बनाती हैं। हर महिला गर्भावस्था को अलग तरह से अनुभव करती है, और आप जो भी महसूस कर रही हैं उसे महसूस करना सामान्य है। इस ब्लॉग में, आप जानेंगी कि प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या-क्या होता है। साथ ही, हम आपके द्वारा अनुभव किए जा सकने वाले सामान्य लक्षणों को समझने, आपके सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने और प्रेगनेंसी को आसान बनाने के लिए खास टिप्स भी देंगे। आप यह भी जान पाएंगी कि प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
प्रेगनेंसी का पहला महीना कब शुरू होता है?
सबसे पहले सबसे जरूरी सवाल कि प्रेगनेंसी का पहला महीना कब शुरू होता है? प्रेगनेंसी का पहला महीना आपके आखिरी मासिक धर्म यानि लास्ट मेनसुरल पीरियड (एलएमपी) के पहले दिन से शुरू होता है। डॉक्टर प्रेगनेंसी को आपके आखिरी मासिक धर्म की शुरुआत से गिनते हैं, न कि उस दिन से जब आप गर्भधारण करती हैं। इसलिए, भले ही आप एलएमपी के कुछ सप्ताह बाद तक गर्भधारण नहीं करती हैं, फिर भी आपको 1 महीने की गर्भवती माना जाएगा।
प्रेगनेंसी के पहले महीने के लक्षण
प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या-क्या होता है और प्रेगनेंसी का पहला महीना कब शुरू होता है इस बात का अंदाजा आप प्रेगनेंसी के पहले महीने के कुछ आम लक्षणों से लगा सकते है। कुछ आम लक्षणों में शामिल है:
- पीरियड्स ना आना
- निप्पल का रंग बदलना
- ऐंठन होना और खून के धब्बे आना
- सीने में जलन
- सामान्य से ज्यादा बार उल्टी होना
- जी मचलना
- चक्कर आना
- बार-बार पेशाब आना
- थकान और कमज़ोरी
- मूड स्विंग्स
- ज्यादा भूख और प्यास लगना, इत्यादि।
प्रेगनेंसी के पहले महीने में आहार और पोषण
जब एक लड़की मां बनने वाली होती है, तो उसे अपने साथ-साथ अपने अंदर पल रही जान का भी ख्याल रखना होता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या खाना चाहिए और इससे भी ज्यादा ज़रूरी कि प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या नहीं खाना चाहिए।
प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या खाना चाहिए?
- प्रेगनेंसी के दौरान अपने खान-पान में प्रोटीन, विटामिन, फाइबर, कैल्शियम, और अन्य फायदेमंद तत्वों को शामिल करना बहुत ज़रूरी है।
- खाने में फल, हरी सब्जियां, दूध, साबुत अनाज, सलाद, छिलके वाली मूंग दाल, ड्राई फ्रूट्स जैसे कि किशमिश, अंजीर, इत्यादि को शामिल करें।
- खूब पानी और जूस पीएं।
प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या नहीं खाना चाहिए?
जिन चीजों से आपको परहेज करना चाहिए, उसमें शामिल है:
- पपीता
- कच्चा या अधपका मांस
- कच्चा या अधपका अंडा
- ज्यादा मसालेदार, मिर्ची वाला, या तला हुआ खाना
- पैकेट फूड
प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या-क्या होता है- शारीरिक परिवर्तन
प्रेगनेंसी के पहले महीने में शरीर में कई तरह के परिवर्तन होते है। ऐसे में इस सवाल का जवाब कि प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या-क्या होता है, इसमें शारीरिक परिवर्तनों पर भी ध्यान देना जरूरी है।
- इस समय आपका शरीर अधिक मात्रा में खून का उत्पादन करता है। हो सकता है कई महिलाओं की पीठ इस वक्त तंग महसूस हो या शरीर थोड़ा फूला हुआ लगे।
- शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने की वजह से कई बार महिलाओं के स्तनों का आकार बढ़ जाता है।
- मेलोनिन हार्मोन की वजह से निप्पल और काले और बड़े लगते है।
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प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए
ये सवाल हर मां के मन में आता है कि प्रेगनेंसी के पहले महीने में क्या-क्या होता है। ध्यान रखने योग्य कुछ जरूरी बातों में शामिल है:
- शराब, तंबाकू जैसे हानिकारक पदार्थों का सेवन न करें।
- जोखिम भरी गतिविधियों से बचें।
- प्रसवपूर्व डॉक्टरी जांच के प्रति सजग रहें।
- मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियों का प्रबंधन करें।
प्रेगनेंसी के पहले महीने में कैसे सोना चाहिए?
एक सबसे प्रमुख सावधानी आपके सोने का तरीका भी है। कई नई माताओं को यह उलझन होती है कि प्रेगनेंसी के पहले महीने में कैसे सोना चाहिए। इसके लिए इन कुछ बातों का ख्याल रखें:
- प्रेगनेंसी के पहले महीने के दौरान, सोते समय आराम और सुरक्षा को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
- अपने कूल्हों और पीठ पर दबाव कम करने के लिए अपने घुटनों के बीच एक तकिया रखकर करवट लेकर सोएं।
- यदि आप पेट के बल सोने के आदी हैं, तो अपने गर्भाशय पर दबाव कम करने के लिए करवट लेकर सोने की स्थिति अपनाने का प्रयास करें।
- भरपूर आराम करना याद रखें, क्योंकि शुरुआती प्रेगनेंसी के दौरान थकान आम है।
आपके डॉक्टर से संपर्क: पहले महीने में जरूरी पूछताछ और सलाह
प्रेगनेंसी के पहले महीने में डॉक्टर के संपर्क में रहना, ज़रूरी पूछताछ करना, और छोटी से छोटी समस्या या उलझन के लिए उनसे सलाह लेना जरूरी है।
अपने डॉक्टर के साथ कई प्रमुख विषयों पर चर्चा करना आवश्यक है, जिसमें गर्भावस्था की पुष्टि और अनुमानित नियत तारीख, प्रसवपूर्व जांच और अल्ट्रासाउंड के लिए अनुशंसित कार्यक्रम, और आवश्यक पोषक तत्व और खाद्य पदार्थों की जानकारी शामिल है। इसके अतिरिक्त, सुरक्षित व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों, और जरूरी परीक्षण विकल्पों पर चर्चा करें।
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