जानिये प्रेगनेंसी में क्या करना चाहिए और क्या नहीं
प्रेगनेंसी में मैं किसकी सुनूँ? बगल वाली मौसी तो कह रही थी कि फल खाने से मजबूती आएगी। डॉक्टर कहते हैं सारे फल मत खाओ। सहेली कहती है कि कुछ न करो, बस आराम करो; और सासू माँ कहती है कि खूब कसरत करो। समझ नहीं आता कि प्रेगनेंसी में कैसे बैठना चाहिए, कैसे सोना चाहिए, प्रेगनेंसी में सीधा सोना चाहिए या नहीं? क्या करना, क्या नहीं करना? उलझनें तो हैं मगर इनके समाधान भी हैं। आइए जानते हैं कुछ अक्सर पूछे जाने वाले जरूरी सवालों के जवाब।
प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) में क्या करना चाहिए?
प्रेगनेंसी में क्या करना चाहिए, यह बहुत बड़ा विषय है। मगर सबसे ज्यादा उठने वाले चार सवालों के जवाब यह हैं:
1. प्रेगनेंसी में कैसे बैठना चाहिए?
प्रेगनेंसी में जब भी बैठें तो अपनी पीठ सीधी रखते हुए उचित सहारे के साथ बैठें। अतिरिक्त आराम और पीठ के निचले हिस्से को सहारा देने के लिए तकिये का उपयोग करें। इसके अलावा, झुककर न बैठें।
2. प्रेगनेंसी में कैसे सोना चाहिए?
कई महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान सोते समय कुछ गड़बड़ होने का डर रहता है। चिंता न करें, बेहतर और सुरक्षित नींद के लिए अपने पैरों के बीच तकिया और हाथों को अपने सिर के नीचे रखकर करवट लेकर सोएं। अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर उठाने के लिए तकिये का उपयोग करें।
3. फाइबर वाले खाद्य-पदार्थों का सेवन करना अच्छा है?
प्रेगनेंसी के दौरान अच्छा भोजन न सिर्फ आपके लिए, बल्कि आपके बच्चे के लिए भी बहुत जरूरी है। फाइबर वाले खाद्य-पदार्थ प्रेगनेंसी के भोजन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। पाचन में सुधार और कब्ज को रोकने के लिए प्रतिदिन 25-38 ग्राम फाइबर सेवन करें।
4. हरी पत्तेदार सब्जियों खानी चाहिए?
बेहतर भोजन सुखमय प्रेगनेंसी का वादा देता है। अपने आहार में पालक, चौलाई, सरसों, मेथी, सहजन की पत्तियाँ आदि हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें। ये सब्जियां आयरन और फोलेट जैसे आवश्यक विटामिन और खनिज प्रदान करते हैं।
प्रेगनेंसी में क्या नहीं करना चाहिए?
क्या करना चाहिए से अधिक मुश्किल सवाल होता है कि क्या नहीं करना चाहिए। यहाँ भी हम 5 ऐसे सवालों के जवाब जानेंगे जो उलझन बढ़ाते हैं:
1. पपीते का सेवन न करें:
पपीते में ऐसे एंजाइम होते हैं जो गर्भाशय के संकुचन का कारण बन सकते हैं और गर्भपात या समय से पहले प्रसव का कारण बन सकते हैं। इसलिए पपीते का सेवन न करें।
2. प्रिस्क्रिप्शन के बिना दवाई का सेवन न करें:
यह खतरनाक हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान अपनी मर्जी से या किसी के भी सुझाए दवा का सेवन तब तक न करें जब तक कि आपकी डॉक्टर इसकी सलाह न दे।
3. अल्कोहल और धूम्रपान से बचें:
अब यह बताने की बात नहीं कि शराब और तंबाकू भ्रूण के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं और गर्भावस्था में जटिलताओं का खतरा बढ़ा सकते हैं। इसलिए इनसे दूर ही रहें।
4. कैफीन के सेवन से बचें:
कॉफी, चाय और कुछ चॉकलेट कैफीन के मुख्य स्त्रोत हैं। प्रेगनेंसी में अत्यधिक कैफीन नुकसानदेह हो सकता है। यदि आपको कैफीन की आदत है तो इसे प्रतिदिन 200 मिलीग्राम तक सीमित करना बेहतर है।
5. ऐलोवेरा जूस से बचें:
एलोवेरा जूस में लेटेक्स गुण होता है जिससे गर्भाशय में संकुचन आ सकती है। इसलिए प्रेगनेंसी में ऐलोवेरा जूस नहीं पीने की सलाह दी जाती है।
निष्कर्ष
कभी प्रश्न पूछने में संकोच न करें, जितना हो सके उतने प्रश्न पूछें।अपनी माँ, डॉक्टर, अन्य माताओं, सभी से प्रश्न पूछें।आपको जितने अधिक उत्तर मिलेंगे, आपको अपने और अपने बच्चे के बारे में उतना ही अधिक ज्ञान होगा। इससे आप अपनी और अपने बच्चे की बेहतर देखभाल कर पाएंगी। आपके बच्चे की बेहतर देखभाल के लिए अच्छे डायपर बहुत जरूरी हैं, जैसे की आरामदायक और सुरक्षित Teddyy Diapers। ‘माँ तुझे सलाम’ के जज्बे के साथ, Teddyy Diapers पैंट स्टाइल डायपर्स और सामान्य डायपर्स में उपलब्ध है।
लंबे समय तक पैरों को क्रॉस करके ना बैठें, इससे रक्त वाहिकाओं पर दबाव पड़ सकता है जिससे असुविधा हो सकती है।
शराब, धूम्रपान न करें। बिना डॉक्टरी सलाह के बिना कोई दवा न खाएं और नकारात्मकता से बचें।
खुद को बहुत थकाए बिना, सहजता से जितना चल सकें, उतना चलें। कोई भी टारगेट तय करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
अत्यधिक झुकने से पीठ के निचले हिस्से में दर्द और असुविधा हो सकती है।
ज्यादा लेटने से आपके पैरों और नसों में सूजन हो सकती है।
प्रेगनेंसी के अंतिम चरण में पीठ के बल सीधे सोने की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि इससे रक्त वाहिकाएं दब सकती हैं, जिससे गर्भाशय में रक्त संचार कम हो सकता है।
अपने पैरों के बीच एक तकिया रखकर करवट लेकर सोएं। पेट के बल न सोएं और प्रेगनेंसी के आखिरी चरण में बाईं करवट लेकर सोएं।