डिलीवरी के बाद क्या खाएं कि जिससे बढ़े दूध और कम हो जाए पेट
Medically reviewed by Dr Kriti Sharma (Obstetrician | Reproductive Medicine, Gynecologic Surgery)
माँ बनना एक अलग ही एहसास है!
माँ बनने की खुशी और रातों की नींद हराम, प्यार ही प्यार और अनंत बार डायपर बदलना…
… और इन सबके साथ, कभी न मिटने वाली भूख!
हाँ, अक्सर भूख इस कदर बढ़ जाती है कि आप किसी हॉलीवुड एक्शन सीन की तरह अपने किचन पर अटैक करती हैं और जो दिखे उसे उठा कर खा लेना चाहती हैं।
मातृत्व भावनाओं का एक रोलरकोस्टर है, बिल्कुल ‘कभी खुशी कभी गम’ की तरह। लेकिन इन सबके बीच, डिलीवरी के बाद का भोजन इसका जरूरी हिस्सा है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि अपने शरीर को पोषण देने, डिलीवरी के बाद पेट कम करना आसान बनाने और दूध बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?
इस ब्लॉग में आप जानेंगी कि आपको डिलीवरी के बाद क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
डिलीवरी के बाद क्या खाना चाहिए? (Delivery ke baad kya khana chahiye)
- फल और सब्जियाँ: सीज़नल फल फायदेमंद होते हैं, जबकि पत्तेदार सब्जियाँ, गाजर और शकरकंद आपके नियमित भोजन में शामिल होने चाहिए।
- साबुत अनाज: ये वो जटिल कार्बोहाइड्रेट जो निरंतर ऊर्जा प्रदान करते हैं। इनमें ब्राउन राइस, क्विनोआ, ओट, होल व्हीट। इत्यादि शामिल हैं।
- लीन प्रोटीन: चिकन, मछली, सेम, दाल, और टोफू जैसे फूड जो आपके शरीर को मजबूत और एक्शन के लिए तैयार रखते हैं।
- हेल्दी फैट: एवोकैडो, नट्स, बीज, जैतून का तेल, इत्यादि – ये परदे के पीछे रहने वाले वो सितारे हैं जो विकास और हार्मोन उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- डेयरी उत्पाद: दूध, दही और पनीर – हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं जो हमेशा से ही कारगर रहे हैं।
डिलीवरी के बाद क्या नहीं खाना चाहिए? (Delivery Ke Baad Kya Nahi Khana Chahiye)
- प्रोसेस्ड फूड्स: इनमें अक्सर अनहेल्दी फैट्स, सोडियम और एडेड शुगर होता है।
- मसालेदार भोजन: डिलीवरी के बाद पाचन तंत्र के विशेष रूप से संवेदनशील होने के कारण मसालेदार भोजन परेशान कर सकते हैं।
- गैस पैदा करने वाले खाद्य पदार्थ: ये सूजन और असुविधा का कारण बन सकते हैं। उदाहरणों में सेम, पत्तागोभी और ब्रोकोली शामिल हैं।
- कैफीन युक्त पेय पदार्थ: कैफीन शरीर को पानी कम कर सकता है जिससे नींद आने में समस्या हो सकती है।
- शराब: अल्कोहल स्तन के दूध में शामिल हो सकता है और बच्चे को प्रभावित कर सकता है।
दूध बढ़ाने के घरेलू नुस्खे: सुपर फूड्स
- मेथी के बीज: डिलीवरी के बाद का भोजन के रूप में इन्हें रात भर भिगोकर रखें और सुबह सेवन करें।
- शतावरी पाउडर: इसे “गैलेक्टागॉग” के रूप में जाना जाता है जो दूध उत्पादन को बढ़ाता है। इसे गाय के दूध में मिलाकर या कैप्सूल के रूप में लिया जा सकता है।
- बादाम: प्रोटीन, कैल्शियम और स्वस्थ वसा का एक अच्छा स्रोत है। यह नाश्ते के रूप में या विभिन्न व्यंजनों में जोड़ने के लिए उपयुक्त है।
- ओट्स (जई): घुलनशील फाइबर से भरपूर ओट्स दूध उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। इन्हें दलिया के रूप में खाया जा सकता है या स्मूदी में मिलाया जा सकता है।
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ: आयरन, कैल्शियम और विटामिन ए और सी से भरपूर, इन्हें सलाद, सूप या स्टर-फ्राई के रूप में लिया जा सकता है।
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मां का दूध बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए
यह आहार चार्ट उन माताओं के लिए बनाया गया है जो स्तनपान के दौरान दूध की आपूर्ति बढ़ाना चाहती हैं। यह संतुलित और पौष्टिक भोजन का सुझाव देता है।
समय | भोजन / पेय |
सुबह (6:00 – 7:00 बजे) | – गुनगुना पानी (1 गिलास) |
– मेथी के बीज भिगोकर पानी या 1-2 चम्मच मेथी | |
नाश्ता (8:00 – 9:00 बजे) | – दलिया या ओट्स (दूध और सूखे मेवे के साथ) |
– फूलगोभी या मेथी परांठा (दही के साथ) | |
– फल (पपीता, केला, सेब) | |
– बादाम वाला दूध या गाय का दूध (1 कप) | |
मध्य सुबह (11:00 बजे) | – ड्राई फ्रूट्स (बादाम, अखरोट, खजूर) |
– नारियल पानी या छाछ | |
दोपहर का भोजन (1:00 – 2:00 बजे) | – मूंग दाल या हरी सब्जी (जैसे मेथी, पालक, लौकी) |
– रोटी या ब्राउन राइस | |
– दही (1 कटोरी) | |
– गुड़ और घी के साथ भोजन | |
शाम का नाश्ता (4:00 – 5:00 बजे) | – फ्रूट चाट या अंकुरित चना/मूंग |
– ग्रीन टी या जीरा पानी (1 कप) | |
रात का भोजन (8:00 – 9:00 बजे) | – खिचड़ी (दाल और सब्जी डालकर) या रोटी और दाल |
– लौकी की सब्जी या अन्य हल्की सब्जी | |
– सोने से पहले 1 गिलास गाय का दूध | |
अतिरिक्त सुझाव | – दिनभर में 2-3 लीटर पानी पिएं। |
– जीरा, सौंफ और अजवाइन का पानी पिएं। | |
– तिल के लड्डू और खजूर खाएं। | |
– तनाव से बचें और पर्याप्त नींद लें। |
इस आहार चार्ट के साथ स्वस्थ दिनचर्या अपनाएं और किसी भी असुविधा पर डॉक्टर से सलाह लें।
निष्कर्ष
डिलीवरी के बाद देखभाल के दौर में यह याद रखें कि भोजन आपका मित्र है। डिलीवरी के बाद का भोजन वो ईंधन है जो आपको चलाता है, बच्चे का ख्याल रखने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा देता है, और जो डिलीवरी के बाद पेट कम करना आसान बनाता है। इसलिए अपने खान-पान का विशेष ख्याल रखें और अपने आपको बार-बार डाइपर बदलने जैसे एक्शन के लिए तैयार रखें।
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FAQ
डिलीवरी के बाद आवश्यक पोषक तत्वों के लिए पत्तेदार सब्जियाँ, गाजर, शकरकंद, कद्दू और लौकी का विकल्प चुनें।
डिलीवरी के बाद कितने दिन तक गर्म पानी पीना चाहिए? यह सवाल बहुत सी महिलाओं के मन में होता है| डिलीवरी के बाद पहले 24 घंटों में, सामान्यत: चिकित्सा विशेषज्ञ गरम पानी की छोटी मात्रा में सिप करने की सिफारिश करते हैं। इससे डिलीवरी के बाद शारीरिक तनाव के बाद भी डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है और शरीर को हाइड्रेट किया जा सकता है। शरीर की सफाई और उपचार में सहायता के लिए डिलीवरी के बाद कम-से-कम 40 दिनों तक गर्म पानी पीने की सलाह दी जाती है। यह समयानुसारी है ताकि शरीर बच्चेदानी की उत्तेजना की शारीरिक तनाव से बहाल हो सके। गरम पानी यदि माता स्तनपान कर रही है तो लैक्टेशन को बढ़ावा देने में भी मदद कर सकता है।
अजवाइन अपने मूत्रवर्धक गुणों के कारण सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। हालांकि यह दूध उत्पादन को भी कम कर सकता है, इसलिए उपयोग सीमित मात्रा में करें।
हाँ, डिलीवरी के बाद चावल खाना सुरक्षित है। पोषण संबंधी लाभों के कारण ब्राउन राइस बेहतर विकल्प है।
हाँ, लेकिन घी का उपयोग सीमित मात्रा में करें, क्योंकि संभावित लाभों के बावजूद यह कैलोरी से भरपूर है।
रोटी ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत है। बेहतर पोषण के लिए साबुत गेहूं (होल व्हीट) का विकल्प चुनें।
डिलीवरी के बाद पोषण के लिए केले, सेब, संतरे, खरबूजे और जामुन जैसे फल अच्छे माने जाते हैं।
डिलीवरी के बाद पेट कम होने में आमतौर पर 6 से 8 सप्ताह का समय लग सकता है, लेकिन यह हर महिला के शरीर पर निर्भर करता है। गर्भावस्था के दौरान बढ़ा हुआ गर्भाशय डिलीवरी के बाद धीरे-धीरे अपनी सामान्य स्थिति में लौटता है, जिसे यूटेरस इनवॉल्यूशन कहते हैं।
संतुलित आहार, हल्का व्यायाम (जैसे वॉकिंग या योग) और पर्याप्त नींद पेट को कम करने में मदद करती है। हालांकि, यदि सिजेरियन डिलीवरी हुई हो, तो व्यायाम शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। धैर्य और नियमित देखभाल से शरीर धीरे-धीरे सामान्य आकार में लौट आता है।