नवजात शिशु के पेट में मरोड़: कारण और उपाय
एक बच्चा अपने साथ ढेरों खुशियां लेकर आता है, मगर उसे थोड़ी सी भी तकलीफ हो तो माँ के लिए इसे सहन कर पाना मुश्किल हो जाता है। नवजात शिशु के पेट में मरोड़ उठना एक ऐसी ही परेशानी है। हालाँकि ये मरोड़ आम तौर पर अस्थायी होती है और इनसे कोई बड़ा खतरा नहीं होता, लेकिन कई बार समस्याएं गंभीर हो सकती हैं। इसलिए इसके पीछे के कारणों, लक्षणों और उपचारों को समझना आवश्यक है।
नवजात शिशु के पेट में मरोड़ क्या है?
नवजात शिशु के पेट में मरोड़ शिशुओं द्वारा अनुभव किए जाने वाले अस्थायी पेट दर्द है। कई बार नवजात शिशु के पेट में गैस बनना इसका एक कारण हो सकता है। ये मरोड़ आम तौर हानिरहित होती है और अपने आप चली जाती है।
मरोड़ के प्रमुख कारण
नवजात शिशु के पेट में मरोड़ के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल है:
- अधिक या कम दूध पिलाना
- फार्मूला मिल्क या डब्बे वाले दूध के प्रति असहिष्णुता
- अपरिपक्व पाचन तंत्र
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण
- अनुचित भोजन तकनीक के कारण निगली गई हवा या गैस
नवजात शिशु के पेट में मरोड़ के प्रकार
- लंबे समय तक पेट में दर्द
- शिशु के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मार्ग में अत्यधिक गैस बनना
- लगातार हिचकी आना
- अत्यधिक रोना या झल्लाना
- बंद मुट्ठियाँ या मुड़े हुए घुटने
- पैरों को छाती की ओर ऊपर खींचना
- सूजा हुआ या ऐंठा हुआ पेट
नवजात शिशु में पेट में दर्द का उपचार
नवजात शिशु के पेट में दर्द हो तो क्या करें? राहत पाने के लिए कुछ खास बातों को अपनायें:
- दूध पिलाने के तरीकोंऔर समय पर ध्यान दें। अपने डॉक्टर से जानें कि कब-कब और कितना दूध पिलाना है।
- भोजन के बाद शिशु को कंधे पर लेकर पीठ पर हल्के हाथों से थपथपा कर डकार करवाएं।
- आवश्यकता होने पर बाल चिकित्सक द्वारा सुझाई छोटे बच्चों की गैस की दवा दें।
नवजात शिशु के पेट में मरोड़ से बचाव
- दूध पिलाने का समयसारणी ठीक रखें।
- भोजन के बाद डकार करवाएं।
- अगर फॉर्मूला मिल्क से एलर्जी हो, तो उसे देना बंद करें।
शिशु के पेट में मरोड़ के संबंधित समस्याएं
पेट का दर्द: यह शिशुओं में होने वाली एक आम समस्या है, जिसमें अत्यधिक रोना और घबराहट होती है, साथ ही अक्सर पेट में दर्द भी होता है।
कब्ज: शिशुओं में होने वाली एक और आम समस्या, जिसकी विशेषता मल त्याग में कम या कठिनाई होती है।
दस्त: यह संक्रमण, भोजन असहिष्णुता, या दवा की प्रतिक्रिया सहित कई कारकों के कारण हो सकता है।
गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स (जीईआर): यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट की सामग्री वापस फूडसिस्टम में चली जाती होती है, जिससे सीने में जलन और अन्य लक्षण नजर आते हैं।
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नवजात शिशु के पेट में गैस बनना क्या है?
गैस बनना तब होता है जब बच्चे के पाचन तंत्र में अतिरिक्त हवा फंस जाती है। बच्चे दूध पिलाने के दौरान हवा निगल लेते हैं और यह अक्सर बिना पचे दूध के साथ मिल जाती है, जिससे गैस बनने लगती है।
छोटे बच्चों की गैस की दवा क्या है?
गैस रिलीफ ड्रॉप्स शिशुओं में गैस के लिए दवा का सबसे आम रूप है। हालांकि कोई भी दवा स्वयं या किसी के भी सलाह पर न दें। अपने बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें और उनके द्वारा सुझाई गई दवा नियत समय पर दें। एक बार सलाह लेने के बाद भविष्य के लिए, छोटे बच्चों की गैस की दवा घर में रखें ताकि किसी परेशानी का वक्त आप तुरंत बच्चे को दवा दे पाएं।
डॉक्टर की सलाह और निगरानी
नवजात शिशु के पेट में मरोड़, गैस और पेट दर्द से संबंधित समस्याएं आम हैं, इसलिए उचित ज्ञान के लिए अपने बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह का पालन करना सुनिश्चित करें। यदि समस्या थोड़ी भी गंभीर लगे तो अपने नवजात शिशु को जल्द-से-जल्द डॉक्टर के पास ले जाएं।
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निष्कर्ष:
नवजात शिशु के पेट में मरोड़ हो या कोई और समस्या, अपने शिशु को उचित देखभाल और सुरक्षा दें। इसलिए अपने बच्चे के डायपर के लिए भी सजग रहें। Teddyy Diaper अपनाएं, जो करता है हर माँ को सलाम! Teddyy Diaper के विभिन्न वेरिएंट्स में Teddyy Premium Diaper Pants Teddyy Premium Tape Diapers, Teddyy Wet Wipes, इत्यादि शामिल हैं।
शिशु के भोजन का ध्यान रखें। भोजन के बाद डकार कराएं। और ऊपर बताए गए सुझावों को अमल में लाएं।
डकार करवाने से राहत न हो तो बाल-चिकित्सक से मिलें। शिशु की स्थिति के अनुसार वो गैस ड्रॉप का सुझाव दे सकता है।
डकार और साइकिल किक जैसे प्राकृतिक तरीकों को आजमाया जा सकता है, मगर डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर है।
हाँ, नवजात शिशुओं के पेट में मरोड़ होना आम बात है। जैसे-जैसे शिशु बड़ा होता है यह समस्या कम होती जाती है।