डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग रोकने के उपाय और देखभाल
डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग, जिसे पोस्टपार्टम ब्लीडिंग (Postpartum Bleeding) कहा जाता है, एक सामान्य प्रक्रिया है। यह रक्तस्राव प्रसव के बाद गर्भाशय से प्लेसेंटा (अम्बिलिकल कोर्ड के साथ जुड़ा हिस्सा) के अलग होने के कारण से होता है। हालांकि यह प्रक्रिया सामान्य है, लेकिन अत्यधिक ब्लीडिंग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। आइए जानते हैं कि डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग क्यों होती है, डिलीवरी के बाद पीरियड कब तक आता है और डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग रोकने के उपाय। क्यों इन उपायों को अपनाना आवश्यक है? आइए विस्तार से जानते हैं
डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग क्यों होती है?
डिलीवरी के बाद होने वाली ब्लीडिंग एक आम प्रक्रिया है, इसके अनेक कारण हैं, आइए हम इन कारणों को विस्तार से समझते हैं।
- प्लेसेंटा का पूरी तरह अलग ना होना : जब बच्चे गर्भ में होते हैं तब प्लेसेंटा उन्हें पोषक तत्व पहुंचाता है, पर बच्चे के जन्म के बाद ये शरीर से बाहर आ जाता है। पर कई बार ये प्लेसेंटा पूरी तरह से बाहर नहीं आ पाता है तो आपको रक्त रिसाव की समस्या होती है।
- युटेरस का संकुचन ना होना: कई बार डिलीवरी के बाद आपका गर्भाशय जल्दी संकुचित नहीं हो पाता, जिससे आपको रक्त रिसाव होता रहता है।
- इनफेक्शन: कई बार प्रसव के दौरान आपको इन्फेक्शन का खतरा होता है। इंफेक्शन हो जाने के कारण से कई केसेस में रक्त आना बंद नहीं होता जो समस्यात्मक है।
डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग क्यों होती है यह जानने के साथ-साथ ज़रूरी है किआप इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को भी समझें ताकि आपको जटिलताओं का सामना ना करना पड़े और आप स्वस्थ रहें।
डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग के प्रमुख कारण
डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग कितने दिन होती है ये जानने से पहले जानते हैं इसके कई प्रमुख कारण जो डिलीवरी के बाद होने वाली ब्लीडिंग को प्रभावित करते हैं:
- बहुत अधिक प्रसव पीड़ा: कई बार प्रसव में 48 से 72 घंटे का समय लग जाता है, इतने लंबे समय तक प्रसव पीड़ा में होने के कारण आपका गर्भाशय कमज़ोर हो जाता है। इससे आपको ब्लीडिंग की समस्या बढ़ जाती है।
- सर्जिकल डिलीवरी: जब C section डिलीवरी होती है तो कई बार रक्त वाहिनी ठीक से बंद नहीं हो पाती जिस कारण से आपका रक्त रिसाव बंद नहीं हो पाता। इससे आपको कई स्वास्थ संबंधी जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है।
- यूटरस या प्लेसेंटा में डिफॉर्मेशन: अधिक रक्त रिसाव की समस्या तब उत्पन्न होती है जब आपके गर्भाशय या फिर प्लेसेंटा में कोई विकृति हो जैसे की : प्लेसेंटा प्रीविया या प्लेसेंटा एक्रेटा। ऐसे में आपको रक्त रिसाव की समस्या बढ़ जाएगी।
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प्राकृतिक तरीके से ब्लीडिंग को नियंत्रित करना
डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग कितने दिन होती है– तो ये पक्रिया 1 से 1.5 महीने चलती है। डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग रोकने के उपाय कई बार प्राकृतिक भी हो सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ उपाय जिससे आप अपने गर्भाशय से होने वाली ब्लीडिंग को रोक सकती हैं:
- गर्भाशय की मालिश करिए। जब आप हल्के हांथ से इसे दबाएंगी तो इससे आपके गर्भाशय में संकुचन होगा।
- जब आप स्तनपान करातीं हैं तो आपका शरीर ऑक्सीटोसिन हार्मोंस बनाता है जिससे की ब्लीडिंग में कमी होती है।
- अपने शरीर को पर्याप्त मात्रा में आराम दें, इससे आपकी ब्लीडिंग कम होगी।
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ब्लीडिंग रोकने के लिए घरेलू उपाय
डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग कितने दिन होती है – इसकी जानकारी होना भी बहुत जरूरी है। तो यह समस्या आपको 21 दिन से 42 दिन तक चल सकती है। आइए जानें इसे रोकने के घरेलू उपाय:
- अजवाइन और मेथी का काढ़ा पीएं।
- 15 से 20 दिनों तक गरम पानी का सेवन करें।
- हल्दी और गुड़ का भरपूर सेवन करें।
- जीरा और सौंफ की चाय बनाकर पीएं।
डिलीवरी के बाद मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना
डिलीवरी के बाद पीरियड कब तक आता है? ये 3 से 6 हफ़्ते चलनी वाली समस्या है, आइए जानें कैसे रखें इस दौरान आप खुद को स्वस्थ:
- पोषण से भरपूर भोजन का सेवन करें।
- मेडिटेशन और योगा करें।
- अगर ब्लीडिंग ज्यादा है तो फौरन डाक्टर से मिलें।
- अपने आसपास के लोगों से सहायता लें और खुश रहें।
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निष्कर्ष
डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग रोकने के उपाय न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। नियमित जांच, सही पोषण और घरेलू उपचार अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अगर ब्लीडिंग सामान्य से अधिक हो, तो इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से सलाह लें। सही देखभाल और उपायों से मां और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
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ब्लीडिंग रोकने के लिए गर्भाशय की मालिश करें, स्तनपान कराएं, और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें।
कम से कम 15-20 दिन तक गर्म पानी पीना चाहिए, क्योंकि यह गर्भाशय की सफाई में मदद करता है।
डिलीवरी के बाद बच्चेदानी का मुंह 4 से 6 सप्ताह तक धीरे-धीरे बंद होता है।
सामान्यतः 2 से 6 सप्ताह तक ब्लीडिंग हो सकती है। अगर यह इससे अधिक समय तक रहे तो डॉक्टर से संपर्क करें।