माँ और बच्चे की सुरक्षा के लिए प्रेगनेंसी में पहला टीका कब लगाना चाहिए
प्रेगनेंसी आते ही माँ होने का अनुभव साथ आता है और साथ ही बनता है एक लगाव, अपने पेट में पल रहे बच्चे के लिए। आप हर पल, हर समय उसकी सुरक्षा के बारे में सोचती हैं। आपके बच्चे की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली किसी भी चीज़ के ख्याल से भी आपको बेचैनी हो जाती है। यह डर होना वाजिब है, मगर इससे बचने के लिए आपके पास अपना सुरक्षा कवच होना चाहिए। टीकाकरण यही सुरक्षा कवच है।
समय पर टीकाकरण जरूरी है और इसलिए आपके पास इससे संबंधित सभी जानकारियाँ होनी चाहिए, जिसमें टीकाकरण का महत्व, इसके प्रकार, लाभ या नुकसान इत्यादि शामिल हैं। इस ब्लॉग में आपको गर्भावस्था और टीकाकरण से जुड़े हर जरूरी सवाल का जवाब मिलेगा।
गर्भावस्था और टीकाकरण का महत्व
गर्भावस्था एक महत्वपूर्ण अवधि होती है जब प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity system, इम्युनिटी सिस्टम) थोड़ा कमज़ोर हो जाता है। इससे प्रेगनेंट लेडीज संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं। ये संक्रमण न केवल मां को नुकसान पहुंचा सकते हैं बल्कि पेट में पल रहे बच्चे पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। टीकाकरण इन संक्रमणों को रोकने, स्वस्थ गर्भावस्था सुनिश्चित करने और स्वास्थ्य जटिलताओं के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
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गर्भवती महिला का टीकाकरण चार्ट
टीकाकरण से जुड़े सबसे जरूरी सवालों में ये दो सवाल मुख्य रूप से पूछे जाते हैं कि प्रेगनेंसी में पहला टीका कब लगाना चाहिए और प्रेगनेंसी में दूसरा टीका कब लगता है। इसे समझने के पहले आप इस टीकाकरण चार्ट को समझिए:
टीकाकरण | सही समय |
फ्लू का टीका | किसी भी ट्राइमेस्टर में, लेकिन आदर्श रूप से पहले में |
टीडीएपी टीका | गर्भावस्था के 27-36 सप्ताह के बीच |
कोविड-19 वैक्सीन | किसी भी ट्राइमेस्टर में, लेकिन आदर्श रूप से दूसरे या तीसरे में |
टीकाकरण के प्रकार और उनके लाभ
यह समझने के बाद कि प्रेगनेंसी में पहला टीका कब लगाना चाहिए और प्रेगनेंसी में दूसरा टीका कब लगता है, यह समझते हैं कि टीकाकरण के प्रमुख प्रकार कौन से हैं और उनके क्या लाभ हैं:
- इन्फ्लूएंजा (फ्लू) का टीका: मौसमी फ्लू से बचाता है, जो गर्भवती महिलाओं में गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। तिमाही की परवाह किए बिना, सभी गर्भवती महिलाओं के लिए फ्लू के टीके की सिफारिश की जाती है।
- टीडीएपी (टेटनस, डिप्थीरिया और पर्टुसिस) टीका: काली खांसी से बचाता है, जो नवजात शिशुओं के लिए जीवन के लिए खतरा हो सकता है। गर्भधारण के 27-36 सप्ताह के बीच टीडीएपी वैक्सीन की सलाह दी जाती है।
- कोविड-19 वैक्सीन: कोविड-19 से होने वाली गंभीर बीमारी से बचाता है। कोरोना आने के बाद से ही गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड-19 वैक्सीन की सिफारिश की जाती है।
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प्रेगनेंसी टीकाकरण से जुड़े कुछ जरूरी मुद्दे
टीकाकरण से जुड़े सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवाल जिनमें हैं सभी जरूरी सवालों के जवाब:
1. प्रेग्नेंट होने पर पहला टीका कब लगता है?
यह सवाल अलग-अलग रूप में कई बार आया कि प्रेगनेंसी में पहला टीका कब लगाना चाहिए। तो इसका सरल जवाब है कि गर्भावस्था के दौरान दिया जाने वाला पहला टीका फ्लू शॉट है, जिसे गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय दिया जा सकता है।
2. प्रेगनेंसी में दूसरा टीका कब लगता है?
टीडीएपी गर्भावस्था के दौरान दिया जाने वाला दूसरा टीकाकरण है जो कि आमतौर पर गर्भावस्था के 27 से 36 सप्ताह के बीच दिया जाता है।
3. प्रेगनेंसी में टिटनेस का इंजेक्शन कब लगता है?
टीडीएपी टीका में टेटनस, डिप्थीरिया और पर्टुसिस शामिल हैं। टिटनेस से बचाव के लिए यह टीका गर्भावस्था के 27 से 36 सप्ताह के बीच दिया जाता है।
4. बूस्टर इंजेक्शन इन प्रेगनेंसी क्या है?
गर्भावस्था के 27 से 36 सप्ताह के बीच प्रेगनेंट लेडीज को टीडीएपी वैक्सीन के बूस्टर इंजेक्शन की सिफारिश की जाती है। यह बूस्टर शॉट मां की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है और नवजात शिशु को सुरक्षा प्रदान करता है। इसे ही आम तौर पर बूस्टर इंजेक्शन इन प्रेगनेंसी कहा जाता है।
टीकाकरण के बाद की देखभाल और सुझाव
टीका लगवाने के बाद सुरक्षित और स्वस्थ गर्भावस्था सुनिश्चित करने के लिए कुछ सरल सुझावों का पालन करना आवश्यक है:
- हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब सारे तरल पदार्थ पीएं।
- टीका लेने के बाद कुछ दिनों के लिए आराम करें।
- यदि सूजन हो जाए तो ठंडी सिकाई करें।
- कोई भी तकलीफ नज़र आने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
टीकाकरण के दुष्प्रभाव
किसी भी दवा या उपचार की तरह, टीकाकरण के भी कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। हालाँकि, ये दुष्प्रभाव आमतौर पर हल्के और अस्थायी होते हैं। टीकाकरण के सामान्य दुष्प्रभावों में शामिल हैं:
- इंजेक्शन के स्थान पर दर्द या लालिमा
- हल्का बुखार
- थकान
- सिरदर्द
- मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द
निष्कर्ष
टीकाकरण स्वस्थ गर्भावस्था का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह समझने के बाद कि प्रेगनेंसी में पहला टीका कब लगाना चाहिए और प्रेगनेंसी में दूसरा टीका कब लगता है, प्रेगनेंट लेडीज सुरक्षित और स्वस्थ प्रेगनेंसी के लिए सक्रिय कदम उठा सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण पर व्यक्तिगत सलाह और गाइड के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श लें। स्वस्थ रहें, खुश रहें और Teddy डायपर्स के साथ अपने नन्हें-मुन्ने के आने की तैयारी करें।
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हाँ, टीकाकरण सुरक्षित है और गर्भवती महिलाओं को स्वयं और उनके जन्म लेने वाले बच्चे को हानिकारक संक्रमणों और बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय फ्लू का टीका लगवा सकती हैं, जबकि गर्भावस्था के 27 से 36 सप्ताह के बीच टीडीएपी टीका लगाने की सलाह दी जाती है।
गर्भवती महिलाओं और उनके जन्म लेने वाले बच्चों की सुरक्षा के लिए फ्लू शॉट और टीडीएपी वैक्सीन दोनों आवश्यक हैं।
हाँ, गर्भवती महिलाओं को खुद को और अपने आने वाले बच्चे के बचाव के लिए इंजेक्शन के माध्यम से टीकाकरण करवाना चाहिए।