जानिये सिजेरियन डिलीवरी की प्रक्रिया फायदे और नुकसान
एक बच्चे को दुनिया में लाना एक अनोखा और सुंदर एहसास है। इस समय एक माँ अलग-अलग तरह के भावनात्मक और शारीरिक उतार-चढ़ाव से गुजरती है। कई बार इस यात्रा में सिजेरियन डिलीवरी यानि सी-सेक्शन की नौबत आ जाती है। इसे लेकर अक्सर कई आशंकाएं होती हैं; जैसे कि सिजेरियन डिलीवरी में कितने टांके आते हैं, क्या डिलीवरी के बाद टांके में दर्द होता है और क्या सिजेरियन डिलीवरी के नुकसान होते हैं। चिंताएं स्वाभाविक हैं, मगर इनसे घबराएं नहीं। इस ब्लॉग में आपकी हर शंका का समाधान मिलेगा।
सिजेरियन डिलीवरी क्या है?
सामान्य भाषा में जब एक सर्जन आपके पेट और गर्भाशय में चीरा लगाकर आपके बच्चे का प्रसव कराता है तो यह सिजेरियन डिलीवरी कहलाती है। हालांकि, यह एक बड़ी सर्जरी है लेकिन विभिन्न परिस्थितियों में सुरक्षित मानी जाती है।
क्यों पड़ती है सिजेरियन डिलीवरी की जरूरत?
कारण कई हैं, मगर सामान्यतया सिजेरियन डिलीवरी की आवश्यकता तब होती है जब योनि से डिलीवरी में मां या बच्चे को खतरा हो या यदि स्वास्थ्य जटिलताएं हों।
सिजेरियन डिलीवरी की प्रक्रिया
पूरी प्रक्रिया के दौरान सहज रहने के लिए एनेस्थीसिया दिया जाता है। चीरे के माध्यम से बच्चे का प्रसव कराया जाता है और फिर प्लेसेंटा को हटा दिया जाता है। फिर चीरे को टांकों के द्वारा सिल दिया जाता है।
सिजेरियन डिलीवरी के लाभ
- सिजेरियन डिलीवरी माँ और बच्चे दोनों के लिए सुरक्षित मानी जाती है।
- यदि लेबर पेन नहीं हो रहा है या चिंताएं हैं, तो सिजेरियन डिलीवरी बच्चे को जन्म देने का एक त्वरित तरीका हो सकता है।
- सिजेरियन डिलीवरी पहले से निर्धारित हो तो बेहतर योजना और तैयारी की जा सकती है।
सिजेरियन डिलीवरी के नुकसान
- सिजेरियन डिलीवरी के बाद रिकवरी में अधिक समय लगता है।
- आमतौर पर सुरक्षित होते हुए भी, योनि प्रसव की तुलना में सिजेरियन डिलीवरी में संक्रमण और अन्य जटिलताओं का खतरा होता है।
- सिजेरियन डिलीवरी के बाद कुछ दिनों तक अस्पताल में रहने की आवश्यकता पड़ सकती है।
सिजेरियन डिलीवरी में कितने टांके आते हैं?
सिजेरियन डिलीवरी में आवश्यक टांके की संख्या विभिन्न परिस्थितियों में अलग-अलग हो सकती है। आमतौर पर, निचले अनुप्रस्थ चीरे (लोअर ट्रांसवर्स) के लिए 3-4 टांके की आवश्यकता होती है, जबकि उच्च अनुप्रस्थ (हाइयर ट्रांसवर्स) या ऊर्ध्वाधर चीरे (वर्टिकल इन्सिशन) के लिए 5-6 टांके की आवश्यकता हो सकती है। मुश्किल स्थितियों में टांकों की संख्या 20 से अधिक भी हो सकती है।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद टांके में दर्द होता है क्या?
सिजेरियन डिलीवरी के बाद टांके में कुछ असुविधा या दर्द होना संभव है, लेकिन आमतौर पर इसे दर्द की दवा से नियंत्रित किया जा सकता है और कुछ दिनों के भीतर कम हो जाता है।
सिजेरियन डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड आता है?
सिजेरियन डिलीवरी के बाद होने वाले रक्तस्राव को लोचिया भी कहा जाता है। यह आमतौर पर बच्चे के जन्म के 24 से 48 घंटों के बीच शुरू होता है और छह सप्ताह तक रह सकता है। समय और अवधि अलग-अलग महिलाओं में भिन्न हो सकती है। इस दौरान फ्रेंड्स मैटरनिटी पैड्स काफी कारगर होंगे क्योंकि ये डिलीवरी के बाद होनेवाले भारी रक्तस्त्राव को सोखने के लिए ही बनाये गए हैं। हालांकि, सिजेरियन डिलीवरी के 4-6 सप्ताह बाद रेगुलर पीरियड वापस आ जाता है।
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निष्कर्ष
बच्चे को जन्म देना एक अनोखी यात्रा होती है। चाहे आपका प्रसव, योनि से हो या सिजेरियन डिलीवरी से, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप और आपका बच्चा स्वस्थ और सुरक्षित रहे। सिजेरियन डिलीवरी के बारे में कोई भी चिंता हो तो अपने डॉक्टर से बात करने में संकोच न करें।
वास्तविक सर्जरी में आमतौर पर लगभग 45-90 मिनट लगते हैं, लेकिन ऑपरेटिंग रूम में तैयारी और रिकवरी सहित पूरी प्रक्रिया में 2-3 घंटे लग सकते हैं।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद आपको 2-4 दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ेगा, जबकि पूरी तरह ठीक होने में 6-8 सप्ताह लग सकते हैं। आराम से रहें, अपने शरीर की सुनें, और कोई भारी चीज़ न उठाएं।
चीरे के आसपास हल्का दर्द सामान्य है। 15-20 मिनट के लिए आइस पैक लगाएं, ढीले-ढाले कपड़े पहनें और दर्द की दवा के बारे में अपने डॉक्टर से पूछें। यदि दर्द गंभीर, लगातार है, या लालिमा, सूजन या बुखार के साथ है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
टांके धीरे-धीरे फीके पड़ जाएंगे। अच्छे उपचार के संकेतों में दर्द में कमी, न्यूनतम लालिमा या सूजन, और चीरा सूखना और बंद महसूस होना शामिल है।