9 महीने में डिलीवरी के लक्षण: प्रसव के करीब आने के संकेत और तैयारी
प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई बदलाव होते हैं, और 9 महीने में डिलीवरी होने के लक्षण भी बदलते रहते हैं। ऐसे में मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए विशेष ध्यान देना बेहद ज़रूरी है। प्रसव के करीब आने पर यह जानना महत्वपूर्ण है कि 9 महीने में डिलीवरी कब हो सकती है, किन लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए, और इसके लिए किस प्रकार की तैयारी करनी चाहिए। आइए समझते हैं प्रसव के निकट आने के संकेत और इनकी तैयारी के लिए आवश्यक उपाय।
9 महीने में डिलीवरी के लक्षण क्या होते हैं? एक संक्षिप्त परिचय
9 महीने में डिलीवरी के लक्षण स्पष्ट और तीव्र हो सकते हैं।
- प्रसव पीड़ा (लेबर पेन) वह समय होता है जब गर्भाशय की मांसपेशियां बार-बार सिकुड़ने लगती हैं और यह दर्द धीरे-धीरे बढ़ता है। इस दौरान गर्भाशय का मुंह (सर्विक्स) खुलने लगता है।
- पानी की थैली फटना, जिसे एमनियोटिक फ्लूइड का निकलना कहा जाता है, एक आम संकेत है कि प्रसव शुरू हो सकता है।
- पीठ और पेट में तेज दर्द महसूस हो सकता है। शिशु का सिर नीचे की ओर खिसकने लगता है, जिसे “लाइटनिंग” कहा जाता है।
- योनि से हल्का खून या म्यूकस (चिपचिपा पदार्थ) का निकलना, जिसे “ब्लडी शो” कहते हैं, भी प्रसव के करीब होने का संकेत देता है। इस समय थकावट, बेचैनी, और बार-बार मल त्याग करने की इच्छा महसूस हो सकती है।
- इसके साथ-साथ प्रेगनेंसी के 9 महीने में बच्चे का वजन भी बढ़ता है जिससे प्रसव में पीड़ा होती है।
संघटक संकुचन (कॉन्ट्रैक्शंस) और उनके प्रकार: असली और नकली संकुचन में अंतर
9 महीने में डिलीवरी के लक्षण के बारे में बात करें तो इसमें सबसे प्रमुख है कॉन्ट्रैक्शंस जिनको आमतौर पर दो भागों में बांटा गया है। नकली संकुचन और असली संकुचन। इन दोनो संकुचन के लक्षण अलग होते हैं। आइए जानते हैं इनके लक्षण:
नकली संकुचन (ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शंस)
- ये अनियमित और हल्के होते हैं।
- इन्हें कमर और पेट के निचले हिस्सों में महसूस किया जाता है और इसका कोई निश्चित पैटर्न नहीं होता, प्रेगनेंसी में पेट टाइट होना भी एक सामान्य लक्षण हो सकता है।
- ये लंबे समय तक नहीं रहते, थोड़े समय में ही समाप्त हो जाते हैं।
असली संकुचन:
- ये बहुत तेज होते हैं और वक्त के साथ इसकी तीव्रता बढ़ती जाती है।
- पेट में बहुत तेज दर्द और खिंचाव होता है।
9 महीने में डिलीवरी लक्षण में यह एक प्रमुख लक्षण है जिससे आपके प्रसव के समय के नजदीक आने का पता चलता है।
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पानी की थैली का फटना: इसका महत्व और कब डॉक्टर से संपर्क करें
9 महीने में डिलीवरी होने के लक्षण में सबसे महत्त्वपूर्ण है पानी की थैली का फटना। दरअसल बच्चा जिस थैली में होता है वो कई तरह के चीज़ों से भरी होती है और इसे एम्नियोटिक सैक भी कहते हैं। 9 महीने में डिलीवरी होने के लक्षण में सबसे पहले इस थैली से पानी बाहर आता है जो धीरे-धीरे या फिर एक बार में भी आ सकता है।
- थैली का फटना संकेत है कि आपकी डिलीवरी किसी भी समय हो सकती है।
- थैली के फटने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें वर्ना इससे आपको और शिशु को संक्रमण हो सकता है।
ये प्रक्रिया 9 महीने में डिलीवरी लक्षण में से एक है जो आपके लिए जानना बहुत महत्त्वपूर्ण है।
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शरीर में बदलाव और गर्भाशय में हलचल: प्रसव के नजदीक आने के अन्य संकेत
9 महीने में डिलीवरी के लक्षण में सिर्फ संकुचन ही नहीं आता, बल्कि इस समय पर और भी बदलाव देखने को मिलते हैं। इस समय बच्चेदानी का विस्तार और हलचल बढ़ जाती है, गर्भाशय का निचला भाग भारी लगने लगता है। बच्चा नीचे की ओर खिसकता है, जिसे “लाइटनिंग” कहते हैं। प्रेगनेंसी के 9 महीने में बच्चे का वजन लगभग दो से तीन किलोग्राम होता है। शरीर में अन्य बदलाव भी आते हैं जैसे कि योनि से गुलाबी या सफेद स्राव आ सकता है। आपको थकान और बेचैनी का अनुभव हो सकता है। इसके साथ-साथ पीठ और कमर में अधिक दर्द, दस्त, जो गर्भाशय की सक्रियता का संकेत है, कुछ महिलाओं को हो सकता है।
डिलीवरी की तैयारी: अस्पताल जाने से पहले क्या-क्या तैयार रखें?
9 महीने में डिलीवरी के लक्षण को जानने के साथ ही साथ ज़रूरी है कि आप इसके लिए सटीक तैयारी करें। हॉस्पिटल जाने से पहले ये चीजें अपने पास ज़रूर रखें:
- आपकी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट और मेडिकल रिकॉर्ड।
- मां और बच्चे के लिए कपड़े और डायपर तथा टोपी।
- सैनिटरी नैपकिन और पर्सनल हाइजीन का सामान।
- इमरजेंसी कॉन्टैक्ट नंबर।
- कैश और ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स (पहचान पत्र आदि)
प्रेगनेंसी के 9 महीने में बच्चे का वजन स्वस्थ रहे और डिलीवरी निर्विघ्न हो ,इसके लिए आपको आवश्यक तैयारी कर लेनी चाहिए।
निष्कर्ष
प्रेगनेंसी के 9 महीने में डिलीवरी के लक्षण जैसे संकुचन, पानी की थैली फटना, और गर्भाशय में बदलाव, प्रसव के करीब होने के संकेत हैं। सही समय पर डॉक्टर से संपर्क और अस्पताल की तैयारी मां और बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। प्रसव को सुरक्षित और सुखद बनाने के लिए आपके स्वास्थ्य पर ध्यान दें और डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
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9 महीने में डिलीवरी कब हो सकती है, इसका पता आपके पेट के भारी होने, पानी के थैली के फटने और लगतार होने वाले संकुचन से लगता है।
आपको डिलीवरी औसतन 37 हफ्तों से 42 हफ्तों के बीच में हो सकती है।
डिलीवरी दिए गए डेट से एक या दो हफ्ते पहले हो सकती है।
पहली डिलीवरी में बच्चेदानी का मुंह 10-14 घंटे पहले खुलता है। दूसरी डिलीवरी में 6-8 घंटे में खुल जाता है।